गुजरात के नर्मदा जिले में आज भी रहता है अश्वत्थामा. वो लोगों को दिखता भी है औऱ उनसे मिलता भी है. पश्चाताप की अग्नि में जलता वो सभी से मदद की गुहार करता है. यहां रहनेवालों का कहना है कि द्रोणाचार्य का पुत्र, परमवीर, परमज्ञानी लेकिन शापित अश्वत्थामा आज भी यहां साधु के वेष में रहता है.