देवों के देव हैं महादेव. हर दुख को खुद पर लेकर भक्तों को भयमुक्त करने वाले हैं भोले. पहले तो उन्होंने समुद्र मंथन में निकले विष को पीकर देवताओं को बचाया और नीलकंठ कहलाए, फिर उन्होंने उज्जैन में ब्रह्रा को राह दिखाने के लिए न सिर्फ अपने नेत्र से काल भरैव को प्रकट किया बल्कि भक्तों की बुराईयों को अपने अंदर समाने के लिए खुद मदिरा का पान करने लगे. वो भी साक्षात, सबके सामने. यकीन नहीं होता तो यहां आपको बताते हैं उज्जैन के काल भैरव की महिमा के बारे में