पूजा-पाठ, व्रत-उपवास, पवित्र नदियों में स्नान और दान-धर्म ही सनातन धर्म के संस्कार हैं. अलग-अलग पर्व और त्योहारों के बहाने इन शुभ कर्मों को बढ़ावा दिया जाता है. क्योंकि ये शुभ कर्म ही एक व्यक्ति के उत्तम जीवन का आधार हैं. जानिए उस शुभ तिथि के बारे में जब संपूर्ण ब्रह्माण्ड दैवीय शक्तियों का संचार तेज हो जाता है. वो दिव्य तिथि पूर्णिमा है. जानिए मार्गशीर्ष महीने की महापूर्णिमा कैसे संवारेगी आपका जीवन.