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धर्म: जानें आरती करने के सही नियम और महत्व

धर्म: जानें आरती करने के सही नियम और महत्व

आज धर्म में बात करेंगे आरती और भजन के महत्व के बारे में. ईश्वर की उपासना में आरती और भजन का बड़ा महत्व होता है. कहा जाता है कि जब तक आरती ना की जाए तब तक ईश्वर की पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है. सच्चे मन से की गई ईश्वर की आराधान चिंताओं को दूर कर एक असीम शांति का एहसास कराती है. लेकिन पूजा के दौरान ईश्वर की आराधना तब तक पूरी नहीं होती जब तक भगवान की आरती ना की जाए. जानकारों की माने तो पूजा में आरती का खास महत्व है. इसलिए ये बेहद जरूरी भी है. आरती के महत्व की चर्चा सर्वप्रथम स्कन्द पुराण में की गयी है. आरती हिन्दू धर्म की पूजा परंपरा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है. किसी भी पूजा पाठ, यज्ञ, अनुष्ठान के अंत में देवी-देवताओं की आरती की जाती है. आज हम आपको आरती का महत्व और इसका सही नियम के बारे में. देखें वीडियो.

In this episode of Dharam, we will talk about the significance of Aarti. During any puja, Aarti is considered as the most important act. According to the astrologers, without Aarti, no puja is considered complete. Watch the video to know more about the significance of Aarti while performing puja.

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