वो संकटमोचन हैं. वो महाबली... भक्तों के लिए वो हमेशा ही दयावान रहते हैं. हम बात कर रहे हैं पवनपुत्र केसरी नंदन हनुमान जी की. चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को प्रभु हनुमान जी का अवतरण हुआ था. इस खास मौके पर अगर वीर हनुमान का ध्यान किया जाए. तो जन्मजन्मांतर के पापों से मुक्ति मिल जाती है. तो चलिए करते हैं आज के शो की शुरुआत और जानते हैं हनुमान जयंती की महिमा.