यूं तो किसी भी देवी देवता की पूजा बिना शंखनाद के अधुरी मानी जाती है लेकिन भोले शंकर की पूजा में शंख नहीं बजाया जाता. क्या हैं इसके पीछे की कहानी देखिए हमारे खास कार्यक्रम में.