भगवान के वाहन कहिए या फिर उनकी सवारियां. जिनकी इच्छा के बिना भक्ति के द्वार नहीं खुलते. जिनकी मर्जी के बगैर भगवान किसी से नहीं मिलते. यही वजह है कि किसी भी मंदिर में जाइए, किसी भी भगवान को देखिए, उनके साथ एक चीज सामान्य रूप से जुड़ी हुई है, और वो हैं उनके प्रिय वाहन. भगवान गणेश के मूषक से लेकर कार्तिकेय के मयूर तक , शिव के नंदी से लेकर दुर्गा के शेर तक और विष्णु के गरूढ़ से लेकर इंद्र के ऐरावत हाथी तक. लगभग सभी देवी-देवता किसी ने किसी वाहन पर सवार रहते हैं.