पवनपुत्र का बाल रूप. उनकी एक ऐसी प्रतिमा के दर्शन जो दक्षिणमुखी है. एक ऐसा दरबार जो साक्षी है एक धार्मिक ग्रंथ की रचना का और वो दरबार है दिल्ली के कनॉट प्लेस में मौजूद प्राचीन हनुमान जहां गोस्वामी तुलसीदास ने लिखी रामचरित मानस और जिसके बारे में मान्यता है कि यहां आकर मांगी गई मुराद कभी अनसुनी नहीं होती.