समंदर की लहरें जैसे ही जगाती हैं सपनों की नगरी को जिंदगी निकल पड़ती है अपनी यात्रा पर.. यात्रा के उन्हीं रास्तों में एक राह जाती है उस परम शक्ति की ओर जो रक्षा करती है अपने दर पर आने जाने वाले हर भक्त की, फिर चाहे वो किसी भी धर्म या जाति का हो. वो दरबार है प्रथम पूज्य भगवान गणेश का जो विराजमान हैं, सिद्धिविनायक गणपति मंदिर में.