यही वो पवित्र भूमि है जहां एक बेटे ने अपनी मां की प्यास बुझाई थी. दुर्योधन की साजिश के शिकार पांचों पांडव जब मां कुंती और पत्नी द्रौपदी के साथ वनवास पर निकले तो हर पल उनका सामना होता रहा कदमों को रोकने वाली मुश्किलों से.