मोती डूंगरी गणपति की महिमा अपरंपार है. यहां हारों को सहारा मिलता है और दुखियारों को खुशियों की सौगात मिलती है. चाहे कोई वक्त हो, कोई दिन एक बार जो भगवान के दरबार में आ गया, वो खाली हाथ कभी नहीं लौटता. कहते हैं गणपति की ये प्रतिमा स्वयंभू है.