मथुरा में जन्म लेने के बाद गोविंद गोकुल पधार चुके हैं. नंद के घर बजती नौबत इसकी सबूत दे रही है. गोकुल का जन-जन और कण-कण आनंद की फुहार में भींग गया है. वास्तव में नंद के घर आनंद आ गया है.