तलाई वाले हनुमान जी सिर्फ एक चोला चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं, लेकिन उन्हें चोला चढ़ाना भी आसान नहीं है. जिसने चोला चढ़ाया, हनुमान जी ने उसे मनचाहा वरदान दिया है.