हरिद्वार के पास ही बिल्व पर्वत पर वो स्थान है जहां माता पार्वती ने कठोर तप कर पति रूप में कैलाश वासी औघड़दानी शिव को पाया था. हरिद्वार में शिव को एक बार नहीं दो-दो बार अपनी अर्द्धांगिनी मिली. पहले शिव ने दक्षेश्वर के राजा दक्ष की पुत्री सती को पत्नी रूप में पाया और फिर उन्हीं माता सती ने यज्ञ कुंड में भस्म होकर हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया.
Haridwar: The Place of Lord Shiva, Sati and Parvati