कहते हैं वृंदावन में तीन ऐसे कुंज हैं जहां हर शाम कृष्ण गोपियों के साथ रास रचाने के लिए आते हैं. सेवा कुंज के अलावा निधि वन को भी भक्त शाम ढलते ही छोड़ देते हैं ताकि कन्हैया और उनकी गोपियों को मिल सके एकांत.