पांचहजार फीट की ऊंचाई पर बना है आस्था का ऐसा परम धाम जहां आज भी मिलते हैं पवनपुत्र हनुमान के निशान. जी हां धर्म में सैर ऐसे धाम की जहां पहुंचना बेहद मुश्किल है लेकिन जो कोई यहां पवनपुत्र के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर लेता है, उसकी कोई इच्छा बाकी नहीं रहती. ये जगह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहीं पर बालक हनुमान के मुहं में समा गए थे जग को रोशन करने वाले सूर्य भगवान.