माना जाता है कि समाधि लेने से पहले साईं बाबा लाठी से छूकर ही अपने भक्तों की सारी तकलीफें दूर कर दिया करते थे. और जब वो लोगों का दुख-दर्द देखकर खुद बेहाल हो जाते थे तब अपनी चीलम जला लेते थे.