कृष्ण और गोपियों के अमर प्रेम की कहानी सुनाता है रास, वो रास जिनकी यादें आज भी ब्रज की गलियों में बिखरी पड़ी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रेम का ये रास और महारास कभी पूरा नहीं हो पाता अगर नहीं होतीं कान्हा की सखियां. ये वो सखियां थीं जिनके ऊपर थी रासलीला की पूरी जिम्मेदारी और जिनके बिना अधूरे रह जाते कृष्ण.