पहाड़ों के बीच बसा माता का पावन धाम. वो दरबार जहां पहुंचने के लिए भक्त न तो ऊंचे-नीचे रास्तों की परवाह करते हैं और न ही राह में आने वाली मुश्किलों की, क्योंकि मां के इस दर से कभी कोई खाली हाथ नहीं जाता.