खत्म हुआ इंतज़ार, धरती पर उतर आए हैं देवता, भक्तों को दर्शन दे रहे हैं देवता. वैसे महाकुंभ की शुरुआत 14 जनवरी के स्नान के साथ ही हो गई थी. लेकिन अखाड़ों की पेशवाई माघी पूर्णिमा के दिन से शुरू हो रही है.