महाकुंभ का आगाज हो चुका है और आज दूसरा पर्व स्नान है. भक्तों की भीड़ लगी है लेकिन लोगों को इंतजार है उनका, जिनमें बसती है महाकुंभ की जान. अखाड़ों के बिना महाकुंभ अधूरा है. तो हम अपनी इस खास पेशकश में आपको अखाड़ों के हर पहलू से कराएँगे रूबरू लेकिन पहले देखते हैं कि किस तरह पूरा शहर जुटा है अखाड़ों की तैयारी में.