बीते युग की स्मृतियों में लीन है महिमा का ये कुंड. इसकी निर्मलता में समाई है सीता की पावनता. जगतजननी ने अपने स्पर्श से इसकी धारा को बना दिया है पतितपावनी, यहां आकर धुल जाते हैं भक्तों के सभी पाप.