इलाहाबाद में सजा हुआ है आस्था का संसार, जहां जुटे हैं हजारों संन्यासी- नागा, वैष्णव, खालसा, हठयोगी. किसी को दुनिया से कोई मतलब नहीं, तो किसी को दुनिया की हर खबर चाहिए.