33 करोड़ देवी-देवताओं में प्रथम पूजनीय भगवान गणेश के सामने शीश नवाने भर से हर कामना पूरी होती है, सभी दुख हर लेते हैं विघ्नहर्ता, विनायक के दरबार में सपनों को मिल जाते हैं पंख और खुशियां दरवाज़ा खोल कर करने लगती हैं भक्तों का स्वागत.