कहते हैं कि त्रेता युग में रावण से बड़ा कोई ज्ञानी नहीं था. उसकी ताकत का बड़े-बड़े लोहा मानते थे. रावण चाहता था दुनिया पर राज करना, लेकिन उसकी इसी चाहत ने एक बार उसके करा दी एक भूल.