उत्तराखंड के त्रियुगीनारायण जहां तीन युगों से जल रही है जोत, ये वही जोत है जिसे साक्षी मान शिव और शक्ति ने सात फेरे लिए थे. कहने वाले तो यह भी कहते हैं कि आज तक इस वेदी की अग्नि कभी ठंडी नहीं हुई, और जिस किसी ने इसके दर्शन कर लिए, उसकी इच्छाएं पूरी होते देर नहीं लगती.