भगवान ने समय-समय पर अपने भक्तों की रक्षा के लिए कई रूप धरे. ऐसे ही उज्जैन में बजरंगबली एक राक्षस की माया को जानकर उसका वध किया और वहां वह मायापति हनुमान कहलाए.