कहते है शिव अपनी तपस्या में इतना लीन थे कि पार्वती को भीलनी के रुप में उनके सामने नृत्य कर उनका ध्यान भंग करना पड़ा. पार्वती के नृत्य ने भोलेशंकर का तप ऐसा तोड़ा कि वो भूल ही गए कि वो तपस्या कर रहे थे.