कान्हा को कहा जाता है लीलाधर, लेकिन औघड़दानी महादेव भी लीला दिखाने में कुछ कम नहीं. एक बार अपनी ससुराल यानी हरिद्वार के कनखल में उन्होंने ऐसी लीला दिखाई कि पूरा देवलोक हो गया हैरान. शिव ने धारण कर लिया राधा का रूप और पार्वती बन गईं वंशीधर कृष्ण. कनखल में आज भी राधा-कृष्ण के रूप में शिव पार्वती के दर्शन किए जा सकते हैं.