वो भोले हैं, वो औघड़दानी हैं. जब भक्तों पर कृपा करते हैं तो अपना सर्वस्व कर देते हैं निछावर. ऐसे ही हैं भोले भंडारी और ऐसी ही है उनकी महिमा, तभी तो एक बार उनका परम भक्त भस्मासुर ही पड़ गया उन पर भारी.