महाराष्ट्र के पाली में बल्लार नामक भक्त की भक्ति से प्रसन्न होकर गणेश जी नेबल्लार से वचन मांगने को कहा जिस पर उसने गणेश से पाली में ही रह जाने की वरदान मांग लिया और तब से गणेश पाली के ही होकर रह गए.