श्रीराम के हाथों हुआ था एक पाप. पंडितों ने जब राम के यहां भोज में जाना बंद कर दिया तो वो बेचैन श्रीराम शांति की तलाश में चल पड़े अयोध्या से 85 किलोमीटर दूर एक ऐसी जगह, जहां उन्हें मिली पाप से मुक्ति.