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जहां शिव जागे थे तप से

जहां शिव जागे थे तप से

शिव खुश हो जाएं तो झोली खुशियों से भर दें और क्रोध में आने पर दुनिया को कर देते हैं डांवाडोल. कुछ ऐसा ही हुआ सती के आत्मदाह करने के बाद. कहते हैं सती के विरह में शिव बैरागी हो तपस्या में लीन हो गए.

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