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जहां अलग हुए शिव और शिवा

जहां अलग हुए शिव और शिवा

शिव का वो रुप जिसके आगे देवता भी झुकाते हैं सिर. शिव का वो रूप जिसने तोड़ा परमपिता का अहंकार. ये है शिव का अर्द्धनारीश्वर रुप जिसमें शिव और शक्ति अलग-अलग नहीं बल्कि एक ही रूप में समाहित हैं. कहते हैं इस रूप के दर्शन मात्र से नवविवाहित जोड़ी की हर मुराद पूरी हो जाती है.

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