रामनवमी का बेहद पावन मौके पर एक बार फिर ग्रहों की वही प्रबल स्थिति बन गई है, जो भगवान राम के जन्म के समय थी. हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम की जन्म तिथि के रूप में मनाया जाता है, लेकिन इस बार रामनवमी भक्तों के लिए बन बेहद खास बन गई है.