बीजेपी की चुनावी कश्ती इस्तीफों के भंवर में ऐसी फंसी कि पार्टी छोड़ने वालों की झड़ी लग गई. तीन-तीन कद्दावर मंत्री और सात विधायक चुनावी मंझधार में पाला छोड़ गए और बीजेपी पर जोरदार हमले भी कर गए. जाते जाते सबकी भाषा करीब करीब एक जैसी, कहा - पिछड़े और दलितों की अनदेखी की गई. बीजेपी से बगावत करने वाले कह रहे हैं बीजेपी की नैया डूबने वाली है. तो बीजेपी कह रही है जिन्हें टिकट कटने का डर सताया उन्होंने ही बीजेपी से विदाई का रास्ता अपनाया. बागी और बीजेपी की इस जोर आजमाइश में समाजवादी पार्टी को शुद्ध लाभ हो रहा है. बड़े चेहरों की आमदनी हो रही है. जातीय खाते दुरुस्त हो रहे हैं तो बीजेपी पर हमले का भरपूर मौका भी मिल रहा है. देखें पूरी रिपोर्ट.