दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस में बीस साल से दबा है रेडियोएक्टिव पदार्थ. दिल्ली विश्वविद्यालय के रसायनशास्त्र विभाग के सीनियर प्रोफेसर रमेश चंद्रा ने ये खुलासा किया है. प्रोफेसर चंद्रा के मुताबिक उनकी आपत्ति के बावजूद बीस किलो रेडियोएक्टिव पदार्थ जमीन के अंदर दबाया गया.