चुनावी मौसम है तो हर नेता अपने को दूसरे से आगे बताने की होड़ में लगा हुआ है. इसी जद्दोजहद में कभी किसी को थप्पड़ पड़ जाता है तो कभी किसी की जुबान ऐसे फिसलती है कि रैलियों पर ही रोक लग जाती है. कभी किसी भाई पर बहन मेहरबान होती है तो किसी भाई को रास्ते से भटका हुआ कह देती हैं. इसीलिए तो ये हे इलेक्शन ऊ ला ला...