ये वक्त अफवाहों की नेटवर्किंग के खिलाफ हल्ला बोलने का है. हम वो सवाल खड़े करेंगे जिनपर संसद में चर्चा हुई. सवाल ये कि पूर्वोत्तर के लोगों के पलायन में सोशल नेटवर्किंग साइट्स की कोई भूमिका है. क्या सोशल नेटवर्किंग साइट्स कहीं न कहीं पूर्वोत्तर के लोगों की परेशानी की वजह हैं.