जिस नेता की देश में लहर होने की बात की जा रही है, क्या वो खुद अपनी सीट पर फंस सकता है. क्या नरेंद्र मोदी वाराणसी के चक्रव्यूह में घिर सकते हैं. ये वो सवाल है जो मुख्तार अंसारी के चुनाव ना लड़ने के फैसले के बाद खड़ा हो गया है. सवाल ये भी खड़ा हो गया है कि मुख्तार के खाते के वोट अब किसे मिलेंगे.