आज बटला हाउस एनकाउंटर से फर्जी होने के विवाद का दाग धुल गया. आज लाभ और लोभ की उस राजनीति को भी जवाब मिल गया जो इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की शहादत में साज़िश की खोज कर रही थी. आज ये तय हो गया कि इंसान और ईमान के बीच बारूद की दीवार खड़ी करने वाले इंसाफ की चौखट पर ज़रूर घसीटे जाएंगे. आज शहजाद का फ़ैसला हो गया है और इसी के साथ ये साफ हो गया है कि मानवता और मानवाधिकार की लड़ाई तभी बचेगी जब ये देश बचेगा.