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हल्ला बोल: कैसे रुकेगा धर्म के चोले में अधर्म का खेल?

हल्ला बोल: कैसे रुकेगा धर्म के चोले में अधर्म का खेल?

धर्म केवल एक शब्द नहीं है, ये एक भरोसा है और जिंदगी का आधार है लेकिन जब इसी आधार को बार- बार तोड़ा जाए तो इसका अंजाम किसी एक या दो शख्स तक सीमित नहीं होता, इसका दायरा पूरे समाज, पूरे देश और पूरे धर्म पर पड़ता है इसीलिए धर्म का चोला ओड़े अपराधियों का पाप कानूनी सजाओं से भी बड़ा है. क्योंकि ये मानव आधार को हिला कर रख देता है, लेकिन सवाल यही है कि आखिर आसाराम जैसे बाबाओं के होते हुए धर्म को बचाया कैसे जाए. देखें- 'हल्ला बोल' का ये पूरा वीडियो.

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