हिंदू धर्म को मानने वालों का कहना है कि भगवान राम सालों से दुख सह रहे हैं और अपनी ही जन्मस्थली में टेंट में रह रहे हैं. काफी लंबे वक्त तक सियासी दलों के घोषणापत्र में राम मंदिर शामिल रहा,लेकिन राम मंदिर बन न सका. सुप्रीम कोर्ट में काफी लंबे वक्त से मामला होने के बाद अब इसपर सुनवाई हो रही है और अब 18 अक्टूबर की डेडलाइन तय कर दी गई है. हल्ला बोल में आज इस बात पर चर्चा करेंगे कि आखिर इतने वर्षों तक ये मामला क्यों लटकाया गया.