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हल्ला बोल: जान-जहान और जरूरत का सामान या सोशल डिस्टेंसिंग, क्या है ज्यादा जरूरी?

हल्ला बोल: जान-जहान और जरूरत का सामान या सोशल डिस्टेंसिंग, क्या है ज्यादा जरूरी?

कोरोना के लॉकडाउन में सिर्फ जरुरी चीजों के कारोबार की इजाजत है. 20 अप्रैल से कुछ और भी राहत की उम्मीद है. लेकिन इस बीच कारोबार और उद्योग जगत की चुनौतियां बढती जा रही हैं. दिल्ली में एक पिज्जा डिलिवरी करने वाले शख्स का कोरोना संक्रमित होना 72 परिवारों पर भारी पड़ गया. साउथ दिल्ली के हौज खास और मालवीय नगर के 72 परिवारों को होम क्वारनटीन कर दिया गया है. इस डिलिवरी करने वाले शख्स के संपर्क में आए 17 और डिलिवरी ब्वॉय को भी क्वारनटीन किया गया है. लॉकडाउन 2.0 में जान के साथ जहान को वापिस पटरी पर लाने की चुनौती के बीच अगर छूट के दौरान इन इलाकों में कोरोना हॉटस्पॉट सेंटर बना तो सारी छूटें वापस ले ली जाएंगी. रियायतों के साथ होम डिलिवरी, मजदूरों और अन्य काम करने वालों की सोशल डिस्टेंसिंग बड़ी चुनौती होगी. आज हल्ला बोल में इसी मुद्दे पर करेंगे चर्चा.

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