26 जून 1975.... 43 साल पहले आज ही के दिन हिन्दुस्तान के आकाश में सूरज तो चमक रहा था पर लोकतंत्र के सूरज पर इमरजेंसी का ग्रहण लगा था. जब एक जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार की मुखिया संवैधानिक तानाशाह बन गई थी और कैबिनेट उसकी कठपुतली.