मैदान पर क्रिकेट के भगवान लेकिन लोकतंत्र के मंदिर में क्रिकेट के भगवान गुमशुदा हो गए हैं. जिस सचिन तेंदुलकर को करोड़ों हिन्दुस्तानी अपना आदर्श मानते हैं, जो मैदान पर 24 साल तक करोड़ो हिन्दुस्तानियों की उम्मीदों का बोझ ढोते रहे आज वही सचिन संसद में आना मुनासिब नहीं समझते हैं. सवाल उठता है जब संसद जाना नहीं तो सांसद क्यों. क्योंकि संसद की एक एक सीट जनता की आवाज के लिए है गुमशुदगी के लिए नहीं.
Halla Bol episode of 8th July 2014