नोटबंदी के पचास दिन तो पूरे हो चुके हैं लेकिन सबका दुख अभी दूर नहीं हो सका है. उस तकलीफ का ताप कम जरूर हुआ लेकिन जलन अभी बाकी है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि नोटबंदी की मुश्किलों से निजात कब तक मिलेगी? आज हल्लाबोल कार्यक्रम का मुद्दा भी नोटबंदी और उसके 50 दिन पूरे होने पर उसका बचा असर रहा. विपक्ष के नेताओं ने जहां नोटबंदी की तुलना आर्थिक आपातकाल से कर दी वहीं बीजेपी के प्रवक्ता ने इसे बेहद जरूरी कदम कहा. आर्थिक मुद्दों के जानकारों और बैंकिंग सेक्टर से जुड़े आला अधिकारियों का कहना है कि अभी नोटों की दिक्कत आगे के 6 माह तक चलने की उम्मीद है.