पिछले जन्म में आप क्या थे? आपका सच्चा दोस्त कौन है? आपकी मौत कब होगी? आपका चरित्र किससे मिलता है. सुनने में ये सवाल बेहद सरल लगते हैं, लेकिन इन्हीं सवालों के जरिए आपका दिमाग पढ़ लिया जाता है, आपके बारे में जानकारियां जुटा ली जाती हैं, आपकी निजता में सेंध लगा ली जाती है और फिर आपकी इन्हीं जानकारियों की बदौलत किसी की राजनीति चमकाने की कोशिश होती है. एक कंपनी ने 5 करोड़ लोगों का डाटा चोरी किया, डाटा का इस्तेमाल किया और अब जिस तरह से भारतीय राजनीति में डेटा चोरी का मुद्दा गूंज रहा है, समझना मुश्किल नहीं है कि 2019 के समर में वोट फिक्सिंग का ये खेल बड़े पैमाने पर खेला जा सकता है. देखिए इसी मुद्दे पर हल्ला बोल.