देश के विश्वविद्यालयों और बड़े संस्थानों में देश के महापुरुषों की तस्वीर देखकर हम सबको अपने इतिहास पर गर्व होता है. लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में लगी एक तस्वीर ने हमें सोच डाल दिया है कि इतिहास पर गर्व करें, पछताएं या फिर शर्म करें. क्योंकि मोहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान भले ही कायदे आजम मानता है, हिंदुस्तान उन्हें कभी भी महापुरुषों की कतार में नहीं खड़ा कर सकता क्योंकि जिन्ना ही वो शख्स थे जिन्हें इतिहास बंटवारे का जिम्मेदार मानता है. तो फिर सवाल ये उठता है कि आखिर हिंदुस्तान में जिन्ना की जरूरत किसे है?