झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार का शपथ ग्रहण हो गया। राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद साल भर के भीतर ये पांचवां राज्य है जहां विपक्ष ने बीजेपी से सत्ता छीनी है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद विपक्ष के लिए झारखंड की जीत को सत्ता की संजीवनी माना जा रहा है. महाराष्ट्र के बाद झारखंड में गैर बीजेपी सरकार का गठन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां सत्ता के नए और कामयाब समीकरण बने. बीजेपी को सत्ता से दूर करने के लिए महाराष्ट्र की तरह झारखंड में भी कांग्रेस ने क्षेत्रीय दल का जूनियर पार्टनर बनना मंजूर किया. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या आने वाले दिनों में महाराष्ट्र और झारखंड की तरह क्या दूसरे राज्यों में भी नए गठबंधन देखने को मिलेंगे? क्या झारखंड विपक्ष के लिए सत्ता की संजीवनी साबित होगा? चर्चा की शुरुआत करें इससे पहले देखिये ये रिपोर्ट.